हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस: आर्थिक सुरक्षा का एक स्मार्ट कदम |

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस: आर्थिक सुरक्षा का एक स्मार्ट कदम

Life Insurance

सोचिए आपने मेहनत से कार खरीदी या बच्चों की पढ़ाई के लिए बचत की, लेकिन अचानक बीमारी, हादसा या असमय मौत आपकी सालों की प्लानिंग बिगाड़ सकती है। यहीं पर हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस आपका सबसे बड़ा सहारा बनते हैं।

जानिए कैसे हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस लेना एक स्मार्ट फाइनैन्शल मूव बनता है।

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस, दोनों ज़रूरी क्यों हैं?

हेल्थ इंश्योरेंस मेडिकल खर्चों से बचाव करता है और बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा देता है। लाइफ इंश्योरेंस परिवार की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करता है, खासकर आपकी अनुपस्थिति में।

  • मेडिकल इमरजेंसी- भारत में मलेरिया, टाइफॉइड और टीबी जैसी बीमारियाँ पहले से मौजूद हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकती हैं।

 निजी अस्पतालों में भर्ती के लिए एडवांस पेमेंट जरूरी हो सकता है, जिससे कई लोग महंगे इलाज से बचने के लिए इलाज में कटौती करते हैं। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस आपको फाइनेंशियल स्ट्रेस से बचाने और बचत सुरक्षित रखने में मदद करता है।

  • एक्सीडेंट- एक छोटी सी सर्जरी या ICU में कुछ दिन रहने पर भी लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं।

एक्सीडेंट के बाद न सिर्फ शारीरिक और मानसिक तनाव बढ़ता है, बल्कि कमाई बंद होने और मेडिकल खर्च की वजह से फाइनेंशियल संकट भी आ सकता है।

अगर परिवार में असमय मृत्यु हो जाए तो परिवार अकेला पड़ जाता है। ऐसे में लाइफ इंश्योरेंस से आपकी फैमिली को एक बड़ा क्लेम अमाउंट मिलता जिससे वो सभी सिक्युर रह सकते है।

  • महंगाई से लड़ने में मदद- समय के साथ मेडिकल ट्रीटमेंट, हॉस्पिटल और सर्जरी की चार्जेस तेजी से बढ़ी है। फार्मा इंडस्ट्री भी तेजी से बढ़ी है और कई लाइफ सेविंग ड्रग्स महंगी हो गई हैं।

भारत में कई लोग महंगे इलाज के कारण देरी करते हैं या पूरी तरह से इलाज नहीं करवा पाते, खासकर बिना हेल्थ इंश्योरेंस वालों के लिए यह बड़ी समस्या है।

लाइफ इंश्योरेंस परिवार को भविष्य में आर्थिक स्थिरता देता है, जिससे वे बढ़ती महंगाई के बावजूद सुरक्षित रह सकते हैं।

  • बेस्ट हॉस्पिटल और कैशलेस इलाज- हेल्थ इंश्योरेंस रहने से आप नेटवर्क हॉस्पिटल्स में इलाज करवा सकते हैं, और कैशलेस सुविधा का लाभ मिलता है। इंश्योरेंस कंपनी हॉस्पिटल के साथ सीधा सेटलमेंट करती है, हालांकि कुछ खर्च मरीज को खुद भी करने पड़ सकते हैं, जो पॉलिसी की शर्तों पर निर्भर करता है।
  • लोन से बचाव- आज के समय में होम लोन, एजुकेशन लोन, ऑटो लोन जैसी EMI आम हो गई हैं।

अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की असमय मृत्यु हो जाए तो तो यह कर्ज परिवार पर भारी पड़ सकता है। लाइफ इंश्योरेंस से मिलने वाला क्लेम अमाउंट लोन चुकाने आसानी से चुकाने में मदद करता है।

  • इनवेस्टमेंट- कुछ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज़ (जैसे ULIPs, एंडोमेंट प्लान, मनी बैक पॉलिसी) समय के साथ रिटर्न भी देती हैं।

इससे इंश्योरेंस के साथ-साथ लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट का लाभ भी मिलता है, जो रिटायरमेंट प्लानिंग या बच्चों की पढ़ाई में मदद कर सकता है।

जल्दी हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस लेने के फायदे

आजकल नौकरी मिलते ही लोग अच्छे इन्वेस्टमेंट प्लान्स ढूँढने लगते हैं। कई लोग मानते हैं कि इंश्योरेंस की जरूरत 40 के बाद होती है, लेकिन यह सही नहीं है। 25 की उम्र में ली गई पॉलिसी का प्रीमियम कम होता है और लॉन्ग-टर्म बेनिफिट्स 40 की उम्र में ली गई पॉलिसी से ज्यादा होते हैं।

  • कम प्रीमियम- जब हम कम उम्र में पॉलिसी लेते है तब हमारी बॉडी ज्यादा फिट होती है। साथ ही प्रीमियम भी लंबे समय तक भर पाते है, ऐसे में इंश्योरेंस का प्रीमियम कम भरना पड़ता है।

25 की उम्र में ली गई पॉलिसी का प्रीमियम कम होता है और लॉन्ग-टर्म बेनिफिट्स 40 की उम्र में ली गई पॉलिसी से ज्यादा होते हैं।

  • बेहतर कवरेज- कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेने से कम प्रीमियम में ज्यादा सुविधाएँ मिलती हैं। प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज की वेटिंग पीरियड जल्दी पूरी हो जाती है, जिससे भविष्य में क्लेम में आसानी होती है।

वहीं, बढ़ती उम्र में कुछ बीमारियों पर कवरेज सीमित हो सकता है या ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है।

  • मेडिकल चेकअप ज़रूरी नहीं- हेल्थ इंश्योरेंस जब कम उम्र में लिया जाए तब मेडिकल चेकअप की झंझट नहीं होती है। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ मेडिकल टेस्ट, मेडिकल हिस्ट्री इन सभी की जांच होती है। ऐसे में कई बार पॉलिसी रिजेक्ट हो जाती है।

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस फाइनेंशियल प्लानिंग में कैसे मदद करता है?

कई बार लोगों को ऐसा लगता है की इंश्योरेंस पैसे की बर्बादी है। उन्हें ये भी लगता है की इससे बेहतर ऑप्शन मार्केट में है लेकिन हम ये भूल जाते है की कुछ इंवेसमेंट्स में जल्दी पैसा नहीं मिल पाता, या मार्केट के उतार चढ़ाव को देखते हुए उम्मीद से कम रकम हासिल होती है। इसलिए इंश्योरेंस बेहतर ऑप्शन है।

  • टैक्स सैविंग और फाइनेंशियल प्लानिंग- इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर आपको टैक्स में छूट मिलती है। इससे आपकी सैविंगज़ तो होती ही है साथ ही आप फाइनैन्शली मजबूत होने लगते है।
  • मेडिकल इमरजेंसी- एक छोटी सी सर्जरी में भी बहुत पैसा खर्च हो जाता है। ऐसे में अगर इंश्योरेंस है तो बिना अपनी सैविंगज़ को हाथ लगाए आपका इलाज मुमकिन हो जाता है।
  • फैमिली को फाइनेंशियल सपोर्ट- जब कमाने वाला सदस्य ना रहे तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। मानसिक और शारीरिक परेशानी के साथ फ़ाइनेंशियल हालत भी बिगड़ जाती है। एक लाइफ इंश्योरेंस ऐसे वक्त पर परिवार का सपोर्ट सिस्टम बनता है।
  • रिटायरमेंट प्लानिंग- कुछ लाइफ इंश्योरेंस प्लांस में रिटायरमेंट के बाद एक तय रकम मिलनी शुरू हो जाती है। इसमें बढ़ती उम्र के साथ आपको पैसों की चिंता नहीं रहती।

सही इंश्योरेंस चुने

अब आप सभी समझ गए होंगे की एक पॉलिसी से क्या क्या फायदा मिल सकता है। लेकिन ये फायदे आपको तब ही मिलेंगे जब आप सही पॉलिसी का चुनाव करेंगे।

  • अपनी ज़रूरत समझें- आपको सबसे पहले ये तय करना ज़रूरी है की आपको क्या चाहिए मतलब मेडिकल कवर या फॅमिली के लिए फ़ाइनेंशियल कवर।
  • कवरेज- प्लान चुनते समय आप ये जरूर देखें की ये क्लेम अमाउंट आपके लिए काफी है या नहीं। हेल्थ इंश्योरेंस में हॉस्पिटल के बिल, एम्बुलेंस, दवाइयाँ, कैशलेस ट्रीटमेंट, टेस्ट, डे-केयर, ये सभी है या नहीं इस पर जरूर ध्यान दें।

लाइफ इंश्योरेंस चुनते समय आपको अपने खर्चों को ध्यान में रखते हुए चुनाव करना चाहिए। इसमें टर्म प्लान, एंडोमेंट प्लान और रिटायरमेंट प्लान को समझकर ही चुने।

  • लाइफ इंश्योरेंस टाइप चुनें – टर्म प्लान, एंडोमेंट प्लान, ULIP, मनी बैक आदि को समझें।
  • वेटिंग पीरियड- मैटरनिटी, क्रिटिकल इलनेस या पहले से मौजूद बीमारियों में वैटिंग पीरियड होता है मतलब कुछ महीनों बाद ही उसका फायदा मिलता है। इसलिए सही जानकारी देकर सही पॉलिसी चुने जिसका वेटिंग पीरियड कम हो।
  • एडिशनल बेनिफिट्स और राइडर्स- कुछ इंश्योरेंस कंपनियाँ पॉलिसी को और फायदेमंद बनाने के लिए एक्स्ट्रा कवर देती है। ऐसे में प्रीमियम बढ़ जाता है, इसलिए ध्यान दे।
  • क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस- जिस कंपनी का सेटल्मन्ट रेश्यो 90%+ से ज्यादा हो उस कंपनी का चुनाव करें।
  • नेटवर्क हॉस्पिटल्स- बेहतर इलाज और कैशलेस सुविधा के लिए कंपनी के नेटवर्क हॉस्पिटल चेक करें।
  • पॉलिसी टेन्योर- उस पॉलिसी को अहमियत दे जो आपको लंबे समय तक मदद करेगी।

लाइफ अनप्रिडिक्टेबल है, इसलिए खुद और अपने परिवार को हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के कवच में रखें। हेल्थ इंश्योरेंस आपको मेडिकल खर्चों से बचाता है, जबकि लाइफ इंश्योरेंस आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। बेहतर फाइनेंशियल प्लान आपको स्ट्रेस फ़्री लाइफ देता है। याद रखें, इंश्योरेंस कोई खर्चा नहीं, बल्कि एक स्मार्ट इन्वेस्टमेंट है। खुद से पूछिए – क्या आप ज़िंदगी के अनदेखे इवेंट्स के लिए तैयार हैं?

Photo by Juliane Liebermann on Unsplash (Free for commercial use)

Image published on February 2, 2018

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