अमेरिका की प्रसिद्ध इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला आजकल भारत में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच टेस्ला ने भारतीय मूल के व्यक्ति वैभव तनेजा को कंपनी का CFO बनाने का ऐलान किया है। जानिए कैसे बने वैभव टेस्ला के CFO, उनकी योगदान से भरी कहानी और इस सफर में उनकी सफलता की यात्रा। गौर तलब है कि हाल ही में टेस्ला ने भारत में एंट्री का फैसला लिया था। इस खबर से हर भारतीय का सीना गर्व से फूल गया है। इसके पीछे है वैभव की साहस, हिम्मत और मेहनत की एक कहानी। अगर आप भी कुछ साहसी काम करना चाहते है तो आप भारत की ऑनलाइन कैसिनो साइट टोनीबेट कैसीनो को आजमा सकते हैं, जहाँ आप कैसिनो का भरपूर आनंद उठा सकते हो।
इससे पहले टेस्ला के CFO जाचरी किरखोर्न थे जिनका कार्यकाल लगभग 4 साल का था वैभव तनेजा इससे पहले कंपनी में चीफ अकाउंटिंग ऑफिसर थे। वैभव तनेजा ने कॉमर्स की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूर्ण की थी। वो 2016 में अकाउंटेंट बन गए थे।
सन 2016 में जब ऑटोमेकर ने सोलरसिटी का अधिग्रहण किया तो उसी समय वैभव टेस्ला के साथ जुड़ गए थे। इस कंपनी में वह चीफ अकाउंटिंग ऑफिसर के साथ-साथ “मास्टर ऑफ काइन” की भूमिका भी निभाते थे। सन 1999 में वैभव तनेजा ने अपने करियर की शुरुआत प्रिंस वाटर हाउस ऊपर में बतौर असिस्टेंट मैनेजर जॉइन किया था
वैभव के पास काम का लंबा अनुभव है। उनके पास टेलीकम्युनिकेशन, मल्टीनेशनल आदि कंपनियों में काम का अनुभव है। सोलर सिटी में वो वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्य कर चुके हैं इसके बाद इस कंपनी का अधिग्रहण टेस्ला ने कर लिया और साल 2017 से वह टेस्ला के साथ जुड़े हैं।
दुनियाभर में बज रहा है भारतीयों का डंका
दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति में से एक एलन मस्क ने जिस तरह वैभव पर अपना विश्वास जताया है। उससे एक बात तो साफ हो गई है की भारतीयों का डंका दुनियाभर में बज रहा है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों के बड़े-बड़े पदों की कमान भारतीय ही संभाल रहे हैं। इसमें नील मोहन शांतनु, संजय मेहरोत्रा, सुंदर पिचाई और सत्य नडेला के बारे में तो आप जानते ही हैं और इसी में एक नया नाम वैभव तनेजा का जुड़ गया है।
भारत में कारोबार स्थापित करने का कार्य शुरू
अभी हाल ही में नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे इसी दौरान उन्होंने टेस्ला के मालिक एलोन मस्क से मुलाकात की थी। एलोन मस्क ने मोदी की खूब तारीफ की थी। तभी यह संकेत मिल गया था की टेस्ला की भारत में एंट्री होने वाली है और हुआ भी कुछ ऐसा ही, इसके कुछ समय बाद ही टेस्ला ने भारत में अपने कारोबार के लिए कदम उठा दिए। टेस्ला इंडिया मोटर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने पुणे के पंचशील बिजनेस पार्क में ऑफिस किराये पर ले लिया है और इसी ऑफिस में टेस्ला के सारे कर्मचारी व अधिकारी काम करेंगे।
खबरों के मुताबिक टेस्ला इस ऑफिस का 60 महीने के लिए 11.69 लाख रुपए का मासिक किराया और 34.95 लाख रुपये का सिक्योरिटी मनी का भुगतान करेगी।
क्या है बदलाव का कारण
ज़ाचरी किरखोर्न की जगह वैभव द्वारा लेने का कारण टेस्ला ने नहीं बताया है हालांकि ज़ाचरी किरखोर्न को अपने पद पर 13 साल हो गए थे और किरखोर्न इस साल के अंत तक सेवा देते रहेंगे ताकि वैभव सारे काम ठीक से समझ सके। किरखोर्न ने इसको लेकर एक लिंकेडीन पोस्ट भी किया है जिसमें उन्होंने लिखा है:-
” टेस्ला का हिस्सा बनना एक खास अनुभव है मैं 13 साल से इस कंपनी में था, तब से अब तक हमने एक साथ काम किया है और मुझे उस पर बहुत गर्व है। मैं टेस्ला के सभी कर्मचारियों का धन्यवाद देना चाहता हूं”।
कितना है वैभव का नेटवर्थ
वैभव दुनिया के सबसे बड़ी कंपनी में से एक टेस्ला का फाइनेंस डिपार्टमेंट संभालेंगे। एलन मस्क ने ना सिर्फ उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी है बल्कि उन पर भरोसा भी जताया है।
अगर नेटवर्थ की बात की जाए तो टेस्ला के होने वाले नए सीएफओ वैभव का नेटवर्थ लगभग 52.1 मिलियन डॉलर है। उनको टेस्ला ने शेयर्स के रूप में 104504 यूनिट दिए हैं।
कितनी है वैभव की उम्र
दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरने वाले वैभव की उम्र मात्रा 45 वर्ष है और इतनी काम उम्र में ही उन्हें बहुत सी कंपनी में कार्य करने का अनुभव प्राप्त है। इतनी काम उम्र में टेस्ला जैसी कंपनी में CFO बनना अपने आप में हम भारतीयों के लिए गर्व का विषय है।
वैभव तनेजा एक उदाहरण हैं कि मेहनत, समर्पण, और सकारात्मक सोच से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी हमें यह सीख देती है कि जीवन में कितने भी मुश्किलें क्यों न आएं, हार नहीं माननी चाहिए और मेहनत से अपने सपनों को पूरा करना चाहिए।
Photo by Matt Weissinger: (Source)